प्रफेशनल्स के लिए डिजिटल टेक्नॉलजी वरदान साबित हुई है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स, ई-मेल और स्मार्ट फोन से भी आपको जॉब की तलाश में काफी मदद मिलती है, लेकिन स्मार्ट फोन 'ब्लैकबेरी' उठाने और किसी कंपनी के मैनेजर को कोई मेसेज भेजने से पहले दो मिनट सोचिए क्योंकि राइट जॉब तलाश करने के लिए राइट स्किल्स की जरूरत होती है। लेकिन अपनी मनपसंद जॉब पाने के लिए नई टेक्नॉलजी का सहारा लेने वाले लोग अक्सर कुछ गलतियां कर देते हैं। आप कुछ तरीके अपनाकर इससे बच सकते हैं।
ई-मेल ब्लास्ट नहीं
अपनी फील्ड की हर ऑनलाइन जॉब के लिए अप्लाई करने से बचें। केवल उसी जॉब पर ध्यान दीजिए, जो आपके लिए बेस्ट हो। नेट पर अलग-अलग साइट्स विजिट करके अपने फील्ड के एंप्लायर्स की तलाश कर सकते हैं और उनके बारे में अहम जानकारी जुटा सकते हैं, जो बाद में आपके काम आएगी।
स्नेल मेल
अगर आप अपने फील्ड की हर जॉब के लिए ई-मेल भेजते हैं और उसके साथ आपका सीवी भी अटैच होता है तो किसी भी मैनेजर के लिए उसे डिलीट करना बेहद आसान होता है। अगर आप पोस्ट से अप्लीकेशन भेजते हैं तो उसका इफेक्ट दूसरा होता है।
गेट पर्सनल
ई-मेल भेजते समय जहां तक हो सके, उसे पर्सनल बनाएं। अगर आप अपने किसी साथी के जरिए किसी कंपनी के मैनेजर से रूबरू हो रहे हों तो उस साथी का नाम सब्जेक्ट लाइन में जरूर टाइप करें। इससे मैनेजर उस मेल को डिलीट करने से पहले दो बार जरूर सोचेगा।
सीमा में रहिए
अगर आपको किसी कंपनी के मैनेजर का मोबाइल नंबर मिल भी गया है, तो उसे बिना इजाजत कॉल मत कीजिए।
लैंडलाइन फोन
किसी कंपनी में अपॉइंटिंग अथॉरिटी से कॉन्टेक्ट करने के लिए हमेशा लैंड लाइन फोन इस्तेमाल कीजिए। हो सकता है, सेल फोन ठीक ढंग से कनेक्ट न हो पाए। बीच में ही लाइन कट जाए या बेवजह डिस्टर्बेन्स हो।
स्मार्ट नेटवर्क
अगर नेटवर्किंग साइट्स से आप जिस व्यक्ति तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। उनसे आप पर्सनली पहचान बनाना चाहते हैं, तो उसे बिना किसी कारण इलेक्ट्रॉनिक इन्विटेशन न भेजे।
डिजिटल फुटप्रिंट
मैनेजर रिज्यूमे और रेफरेंस से आगे जाकर भी आपके बारे में तहकीकात कर सकते है और ऑनलाइन आपका बैकग्राउंड भी चेक कर सकते हैं। इसलिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले समझदारी से काम लें। इसी तरह ब्लॉग और ऑनलाइन फोरम में पर्सनल इंफर्मेशन देने से पहले अच्छी तरह सोच लें।
ई-मेल ब्लास्ट नहीं
अपनी फील्ड की हर ऑनलाइन जॉब के लिए अप्लाई करने से बचें। केवल उसी जॉब पर ध्यान दीजिए, जो आपके लिए बेस्ट हो। नेट पर अलग-अलग साइट्स विजिट करके अपने फील्ड के एंप्लायर्स की तलाश कर सकते हैं और उनके बारे में अहम जानकारी जुटा सकते हैं, जो बाद में आपके काम आएगी।
स्नेल मेल
अगर आप अपने फील्ड की हर जॉब के लिए ई-मेल भेजते हैं और उसके साथ आपका सीवी भी अटैच होता है तो किसी भी मैनेजर के लिए उसे डिलीट करना बेहद आसान होता है। अगर आप पोस्ट से अप्लीकेशन भेजते हैं तो उसका इफेक्ट दूसरा होता है।
गेट पर्सनल
ई-मेल भेजते समय जहां तक हो सके, उसे पर्सनल बनाएं। अगर आप अपने किसी साथी के जरिए किसी कंपनी के मैनेजर से रूबरू हो रहे हों तो उस साथी का नाम सब्जेक्ट लाइन में जरूर टाइप करें। इससे मैनेजर उस मेल को डिलीट करने से पहले दो बार जरूर सोचेगा।
सीमा में रहिए
अगर आपको किसी कंपनी के मैनेजर का मोबाइल नंबर मिल भी गया है, तो उसे बिना इजाजत कॉल मत कीजिए।
लैंडलाइन फोन
किसी कंपनी में अपॉइंटिंग अथॉरिटी से कॉन्टेक्ट करने के लिए हमेशा लैंड लाइन फोन इस्तेमाल कीजिए। हो सकता है, सेल फोन ठीक ढंग से कनेक्ट न हो पाए। बीच में ही लाइन कट जाए या बेवजह डिस्टर्बेन्स हो।
स्मार्ट नेटवर्क
अगर नेटवर्किंग साइट्स से आप जिस व्यक्ति तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। उनसे आप पर्सनली पहचान बनाना चाहते हैं, तो उसे बिना किसी कारण इलेक्ट्रॉनिक इन्विटेशन न भेजे।
डिजिटल फुटप्रिंट
मैनेजर रिज्यूमे और रेफरेंस से आगे जाकर भी आपके बारे में तहकीकात कर सकते है और ऑनलाइन आपका बैकग्राउंड भी चेक कर सकते हैं। इसलिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले समझदारी से काम लें। इसी तरह ब्लॉग और ऑनलाइन फोरम में पर्सनल इंफर्मेशन देने से पहले अच्छी तरह सोच लें।
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