हो जाइए तैयार, करें सर्विस या व्यापार
देश के अव्वल ऑटो उत्पादन केंद्रों-गुडग़ांव, चेन्नई और पुणे के बाद अब अहमदाबाद ऑटो प्रोडक्शन सेंटर सिटी के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। यहां अगले तीन साल में ऑटो सेंटर में लगभग आठ लाख लोगों को रोजगार मिलेंगे। दरअसल, कई कार कंपनियां अपने कारखाने खोलने के लिए यहां आ रही हैं। देश के ऑटो उत्पादन केंद्र गुडग़ांव, चेन्नई और पुणे में अभी सीधे और परोक्ष रूप से 1.3 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। सोसायटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स का अनुमान है कि ऑटो सेक्टर में अगले तीन साल में 50 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। साल 2012 से 2016 के बीच 70 लाख लोग और जुड़ेंगे जिससे तब तक ऑटो सेक्टर से जुड़े लोगों की कुल संख्या मौजूदा 1.3 करोड़ से बढ़कर 2.5 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
गुजरात में ऑटो कंपनियां
फ ोर्ड मोटर लगाएगी कारखाना 3०,०000 रोजगार का होगा सृजन।
मारुति सुजुकी अपने प्लांट में देगी डेढ़ लाख लोगों को रोजगार।
टाटा मोटर्स साणंद में लगा रही है नैनो कार कारखाना, एक लाख नौकरियां मिलेंगी।
फ्रांस की कार कंपनी पूजो, हीरो होंडा, बजाज ऑटो भी गुजरात आने के लिए तैयार।
गांधीनगर से लगभग 40 किलोमीटर दूर साणंद में साल 2014 तक वाहनों का सालाना उत्पादन लगभग आठ लाख यूनिट हो जाएगा।
जनरल मोटर्स, हलोल संयंत्र में हल्के कमर्शियल व्हीकल का उत्पादन शुरू करेगी।
ई.बाइक बनाने वाली कंपनी इलेक्ट्रोथर्म यहां इलेक्ट्रिक तिपहिया और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक बस विकसित कर रही है।
अतुल ऑटो भी चालू वित्त वर्ष में अपनी उत्पादन क्षमता दोगुनी करने जा रहा है।
गुजरात में अपोलो टायर्स, ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) और ऑटो कम्पोनेंट कंपनियों में काम करने वालों की संख्या बढ़कर हुई 4 लाख।
गुजरात में इस समय लगभग 500 ऑटो कंपोनेंट कंपनियां उत्पादन कर रहीं हैं और यहां अगले तीन साल में और 150 कंपनियां आ सकती हैं। गुजरात की ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री में इस समय लगभग तीन लाख लोग काम कर रहे हैं।
कितना उत्पादन
गुजरात में इस समय हर साल लगभग 6 लाख कारों, 48000 तिपहिया वाहनों, 50000 ट्रकों,ढाई लाख ई.बाइक का उत्पादन होता है। हर कार के निर्माण में पांच लोगों को मिलता है रोजगार।
किनकी होगी जरूरत
ऑटोमोबाइल में श्रमिकों की काफ ी जरूरत होती है, इसलिए कुशल, अद्र्वकुशल, आईटीआई व डिप्लोमा होल्डर्स के लिए यहां रोजगार के काफ ी मौके बनेंगे।
कहां से लें प्रशिक्षण
ऑटो इंडस्ट्री में फिटर,बेल्डर,मैकेनिक्स,मशीनिस्ट,शीट मेेटल,इलैक्ट्रानिक्स व पेंटर्स आदि की जरूरत ज्यादा होती है। स्किल्ड एंड अनस्किल्ड लेवर्स के रूप में युवाओं को रोजगार मिलता है। इन सभी ट्रेडों में प्रशिक्षण के लिए आईटीआई और पॉलीटेक्निक संस्थानों में दाखिला लिया जा सकता है। बीटेक के बाद इंजीनियर के तौर पर कॅरियर बनाया जा सकता है।
देश के अव्वल ऑटो उत्पादन केंद्रों-गुडग़ांव, चेन्नई और पुणे के बाद अब अहमदाबाद ऑटो प्रोडक्शन सेंटर सिटी के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। यहां अगले तीन साल में ऑटो सेंटर में लगभग आठ लाख लोगों को रोजगार मिलेंगे। दरअसल, कई कार कंपनियां अपने कारखाने खोलने के लिए यहां आ रही हैं। देश के ऑटो उत्पादन केंद्र गुडग़ांव, चेन्नई और पुणे में अभी सीधे और परोक्ष रूप से 1.3 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। सोसायटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स का अनुमान है कि ऑटो सेक्टर में अगले तीन साल में 50 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। साल 2012 से 2016 के बीच 70 लाख लोग और जुड़ेंगे जिससे तब तक ऑटो सेक्टर से जुड़े लोगों की कुल संख्या मौजूदा 1.3 करोड़ से बढ़कर 2.5 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
गुजरात में ऑटो कंपनियां
फ ोर्ड मोटर लगाएगी कारखाना 3०,०000 रोजगार का होगा सृजन।
मारुति सुजुकी अपने प्लांट में देगी डेढ़ लाख लोगों को रोजगार।
टाटा मोटर्स साणंद में लगा रही है नैनो कार कारखाना, एक लाख नौकरियां मिलेंगी।
फ्रांस की कार कंपनी पूजो, हीरो होंडा, बजाज ऑटो भी गुजरात आने के लिए तैयार।
गांधीनगर से लगभग 40 किलोमीटर दूर साणंद में साल 2014 तक वाहनों का सालाना उत्पादन लगभग आठ लाख यूनिट हो जाएगा।
जनरल मोटर्स, हलोल संयंत्र में हल्के कमर्शियल व्हीकल का उत्पादन शुरू करेगी।
ई.बाइक बनाने वाली कंपनी इलेक्ट्रोथर्म यहां इलेक्ट्रिक तिपहिया और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक बस विकसित कर रही है।
अतुल ऑटो भी चालू वित्त वर्ष में अपनी उत्पादन क्षमता दोगुनी करने जा रहा है।
गुजरात में अपोलो टायर्स, ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) और ऑटो कम्पोनेंट कंपनियों में काम करने वालों की संख्या बढ़कर हुई 4 लाख।
गुजरात में इस समय लगभग 500 ऑटो कंपोनेंट कंपनियां उत्पादन कर रहीं हैं और यहां अगले तीन साल में और 150 कंपनियां आ सकती हैं। गुजरात की ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री में इस समय लगभग तीन लाख लोग काम कर रहे हैं।
कितना उत्पादन
गुजरात में इस समय हर साल लगभग 6 लाख कारों, 48000 तिपहिया वाहनों, 50000 ट्रकों,ढाई लाख ई.बाइक का उत्पादन होता है। हर कार के निर्माण में पांच लोगों को मिलता है रोजगार।
किनकी होगी जरूरत
ऑटोमोबाइल में श्रमिकों की काफ ी जरूरत होती है, इसलिए कुशल, अद्र्वकुशल, आईटीआई व डिप्लोमा होल्डर्स के लिए यहां रोजगार के काफ ी मौके बनेंगे।
कहां से लें प्रशिक्षण
ऑटो इंडस्ट्री में फिटर,बेल्डर,मैकेनिक्स,मशीनिस्ट,शीट मेेटल,इलैक्ट्रानिक्स व पेंटर्स आदि की जरूरत ज्यादा होती है। स्किल्ड एंड अनस्किल्ड लेवर्स के रूप में युवाओं को रोजगार मिलता है। इन सभी ट्रेडों में प्रशिक्षण के लिए आईटीआई और पॉलीटेक्निक संस्थानों में दाखिला लिया जा सकता है। बीटेक के बाद इंजीनियर के तौर पर कॅरियर बनाया जा सकता है।
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