तेरह वर्ष की उम्र में मैसचुसेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में नामांकित हो चुके थे गोदरेज ग्रुप के चेयरमैन आदी गोदरेज बाद में उन्होंने एमआइटी स्लोन स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट,कैंब्रिज यूनाइटेड स्टेट्स से एमबीए किया.आदी ने गोदरेज ग्रुप स्थापित नहीं किया था. यह उनका पारिवारिक व्यवसाय था, लेकिन गोदरेज ग्रुप को नयी ऊंचाई तक पहुंचाने में आदी का ही नाम लिया जाता है. एमबीए की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने अपने पारिवारिक व्यवसाय में कदम रखने को प्राथमिकता दी. पारिवारिक व्यवसाय में आने के बाद उन्होंने सबसे पहले उसका आधुनिकीकरण कर उसे व्यवस्थित किया. इसके बाद उन्होंने सारी सीमाओं को तोड़ते हुए अपने कदम आगे बढ़ाने शुरू किये. आदी के नेतृत्व में ही गोदरेज भारत में वर्ल्ड वाइल्डलाइफ़ फ़ंड का मुख्य समर्थक बना था. उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों के बच्चों के लिए स्कूल खुलवाया जिससे उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता न करनी पड़े और वे अपना सौ प्रतिशत कंपनी को दे सकें.यह उनकी प्रभावी और प्रसंशनीय रणनीति मानी जाती है. वे कहते हैं कि उनके अंदर साधारण परिवार की परवरिश के गुण उनकी मां की देन थी, जिसके कारण वे अपने जीवन में बड़े कामों को करने में सफ़ल हो पाये. आदी कहते हैं ष्मेरी मां स्कूल शिक्षिका थीं और उन्होंने मुझे जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाया, वह पाठ है दीनता और नम्रता का.
आदी गोदरेज का मानना है कि काम किसी भी क्षेत्र में करें, सफ़लता किसी भी क्षेत्र में हासिल करनी हो, उसके लिए जरूरी है अपनी फ़िटनेस पर पूरा ध्यान देना, खुद को काम में व्यस्त रखा जाये तो सफ़लता हासिल करना आसान हो जाता है.
वे कहते हैं ष्मुझे लगता है कि युवाओं के विचारों को हमेशा तवज्जो देनी चाहिए क्योंकि उन्हीं से अनोखे और नये विचार मिल सकते हैं. इन विचारों को अनुभवों के साथ मिलाने से ही नवरचना होती है. आदी का मानना है कि आप अपने कर्मचारियों के साथ जितने खुले होंगे, काम के लिए उन्हें उतना ही प्रोत्साहित कर पायेंगे. इसीलिए गोदरेज ग्रुप के ऑफ़िस में ओपन डोर पॉलिसी को अपनाया जाता है. अगर ऑफ़िस में सीनियर्स समय पर नहीं होंगे, तो जूनियर में भी लेट लतीफ़ी की आदत होना तय है, अगर कोई जूनियर असाधारण है तो भले वह समय पर आ जाये इसलिए वे हमेशा सुबह समय पर ऑफ़िस पहुंच जाते हैं.
आदी कहते हैं प्रोफ़ेशनलिज्म किसी का विशेष गुण नहीं है महत्वपूर्ण यह है कि सभी लोग सफ़लता की कहानियों को पढ़ें समङों लेकिन केवल इन कहानियों को पढ़ने से ही काम नहीं चलता, इसके बाद मुकाम हासिल करने के लिए नया ढंग अपनाएं.
आदी गोदरेज का मानना है कि काम किसी भी क्षेत्र में करें, सफ़लता किसी भी क्षेत्र में हासिल करनी हो, उसके लिए जरूरी है अपनी फ़िटनेस पर पूरा ध्यान देना, खुद को काम में व्यस्त रखा जाये तो सफ़लता हासिल करना आसान हो जाता है.
वे कहते हैं ष्मुझे लगता है कि युवाओं के विचारों को हमेशा तवज्जो देनी चाहिए क्योंकि उन्हीं से अनोखे और नये विचार मिल सकते हैं. इन विचारों को अनुभवों के साथ मिलाने से ही नवरचना होती है. आदी का मानना है कि आप अपने कर्मचारियों के साथ जितने खुले होंगे, काम के लिए उन्हें उतना ही प्रोत्साहित कर पायेंगे. इसीलिए गोदरेज ग्रुप के ऑफ़िस में ओपन डोर पॉलिसी को अपनाया जाता है. अगर ऑफ़िस में सीनियर्स समय पर नहीं होंगे, तो जूनियर में भी लेट लतीफ़ी की आदत होना तय है, अगर कोई जूनियर असाधारण है तो भले वह समय पर आ जाये इसलिए वे हमेशा सुबह समय पर ऑफ़िस पहुंच जाते हैं.
आदी कहते हैं प्रोफ़ेशनलिज्म किसी का विशेष गुण नहीं है महत्वपूर्ण यह है कि सभी लोग सफ़लता की कहानियों को पढ़ें समङों लेकिन केवल इन कहानियों को पढ़ने से ही काम नहीं चलता, इसके बाद मुकाम हासिल करने के लिए नया ढंग अपनाएं.
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