करें पैकेजिंग सुनहरे कल की
2015 तक भारत का पैकेजिंग बाजार होगा 22,950 करोड़ का
पर्यावरण के प्रति बढ़ती सजगता के कारण भविष्य में हर चीज की पैकेजिंग पर्यावरण अनुकूल होगी। लोग अब धीरे-धीरे प्लास्टिक थैलियों का इस्तमाल कम कर रहे हैं और दुकानदारों, फ ल एवं सब्जी विक्रेताओं आदि के जरिए पेपर बैग के उपयोग को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में इस तरफ उपभोक्ताओं का झुकाव बढऩे से मौजूदा 14,000 करोड़ रुपए का घरेलू पैकेजिंग बाजार वर्ष 2015 तक बढ़कर 22,950 करोड़ रुपए का हो जाएगा। इसी अनुपात में इस क्षेत्र में नौकरियां भी बढ़ेंगी। औद्योगिक एवं वाणिज्यिक संगठन एसोचैम के एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है।
दुनिया की खास जरूरत
न केवल भारत में बल्कि समूची दुनिया में आज उत्पादों की पैकेजिंग मार्केटिंग के लिए जरूरी हो गई है। यही वजह है कि पैकेजिंग एक्सपट्र्स सभी इंडस्ट्री के लिए एक जरूरत बन गए हैं। पैकेजिंग से उत्पादों के संग्रहण और इस्तेमाल में काफी सुविधा होती है।
व्यक्तिगत गुण
पैकेजिंग के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए व्यक्ति को टेक्निकल होने के साथ ही सृजनात्मक क्षमता वाला होना चाहिए। लिहाजा, जिसमें तकनीकी और क्रिएटिविटी के गुण हों वे यहां कॅरियर बना सकते हैं।
पाठ्यक्रम
पैकेजिंग से संबंधित कई पाठ््यक्रम देश में उपलब्ध हैं। इसमें मुख्य हैं- सर्टिफिकेट,डिप्लोमा और बी टेक कोर्स।
शैक्षणिक योग्यता
साइंस अथवा इंजीनियरिंग की बैकग्राउंड होना जरूरी है। बीटेक कोर्स वही कर सकते हैं, जिन्होंने १२वीं मैथ्स से की हो। पीजी कोर्स में प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी, फार्मेंसी, फूड टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग आदि के छात्र दाखिला ले सकते हैं। सिर्फ सर्टिफिकेट कोर्स ही ऐसा है, जिसमें किसी भी स्ट्रीम के विद्यार्थियों का एडमिशन हो सकता है।
अच्छे हैं अवसर
खाद्य पदार्थों से लेकर विभिन्न उत्पादों की निर्माता कंपनियां अपने उत्पाद को डिब्बे या पैकेट में बंद करके बाजार में उतारती है। इसके अलावा कई ऐसी कंपनियां भी हैं, जो दूसरी निर्माता कंपनियां के लिए पैकेजिंग का काम करती है।
प्रमुख संस्थान
पैकेजिंग तकनीक में शिक्षा प्रदान करने वाले देश में तमाम संस्थान हैं लेकिन भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अधीन स्थापित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग की अलग ही साख है। यहां प्रवेश लेने वाले छात्रों का अब तक का शत प्रतिशत प्लेसमेंट का रिकार्ड रहा है।
अन्य संस्थान हैं
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग, मुंबई, नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद। एसआरईईएस स्कूल ऑफ पैकेजिंग टेक्नोलॉजी सेंटर, नवी मुंबई, गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, हिसार, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र।
2015 तक भारत का पैकेजिंग बाजार होगा 22,950 करोड़ का
पर्यावरण के प्रति बढ़ती सजगता के कारण भविष्य में हर चीज की पैकेजिंग पर्यावरण अनुकूल होगी। लोग अब धीरे-धीरे प्लास्टिक थैलियों का इस्तमाल कम कर रहे हैं और दुकानदारों, फ ल एवं सब्जी विक्रेताओं आदि के जरिए पेपर बैग के उपयोग को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में इस तरफ उपभोक्ताओं का झुकाव बढऩे से मौजूदा 14,000 करोड़ रुपए का घरेलू पैकेजिंग बाजार वर्ष 2015 तक बढ़कर 22,950 करोड़ रुपए का हो जाएगा। इसी अनुपात में इस क्षेत्र में नौकरियां भी बढ़ेंगी। औद्योगिक एवं वाणिज्यिक संगठन एसोचैम के एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है।
दुनिया की खास जरूरत
न केवल भारत में बल्कि समूची दुनिया में आज उत्पादों की पैकेजिंग मार्केटिंग के लिए जरूरी हो गई है। यही वजह है कि पैकेजिंग एक्सपट्र्स सभी इंडस्ट्री के लिए एक जरूरत बन गए हैं। पैकेजिंग से उत्पादों के संग्रहण और इस्तेमाल में काफी सुविधा होती है।
व्यक्तिगत गुण
पैकेजिंग के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए व्यक्ति को टेक्निकल होने के साथ ही सृजनात्मक क्षमता वाला होना चाहिए। लिहाजा, जिसमें तकनीकी और क्रिएटिविटी के गुण हों वे यहां कॅरियर बना सकते हैं।
पाठ्यक्रम
पैकेजिंग से संबंधित कई पाठ््यक्रम देश में उपलब्ध हैं। इसमें मुख्य हैं- सर्टिफिकेट,डिप्लोमा और बी टेक कोर्स।
शैक्षणिक योग्यता
साइंस अथवा इंजीनियरिंग की बैकग्राउंड होना जरूरी है। बीटेक कोर्स वही कर सकते हैं, जिन्होंने १२वीं मैथ्स से की हो। पीजी कोर्स में प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी, फार्मेंसी, फूड टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग आदि के छात्र दाखिला ले सकते हैं। सिर्फ सर्टिफिकेट कोर्स ही ऐसा है, जिसमें किसी भी स्ट्रीम के विद्यार्थियों का एडमिशन हो सकता है।
अच्छे हैं अवसर
खाद्य पदार्थों से लेकर विभिन्न उत्पादों की निर्माता कंपनियां अपने उत्पाद को डिब्बे या पैकेट में बंद करके बाजार में उतारती है। इसके अलावा कई ऐसी कंपनियां भी हैं, जो दूसरी निर्माता कंपनियां के लिए पैकेजिंग का काम करती है।
प्रमुख संस्थान
पैकेजिंग तकनीक में शिक्षा प्रदान करने वाले देश में तमाम संस्थान हैं लेकिन भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अधीन स्थापित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग की अलग ही साख है। यहां प्रवेश लेने वाले छात्रों का अब तक का शत प्रतिशत प्लेसमेंट का रिकार्ड रहा है।
अन्य संस्थान हैं
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग, मुंबई, नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद। एसआरईईएस स्कूल ऑफ पैकेजिंग टेक्नोलॉजी सेंटर, नवी मुंबई, गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, हिसार, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र।
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