१० करोड़ डॉलर का निवेश
केंद्र सरकार का दावा है कि रिटेल कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी मिलने से एक करोड़ लोगों को नौकरी मिलेगी। सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस और विपक्ष की आशंकाओं को सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। सरकार के मुताबिक इस फैसले से तीन साल के भीतर रिटेल क्षेत्र में बड़ी तादाद में नौकरियां पैदा होंगी। इससे किसानों को भी उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा और उपभोक्ता भी उचित मूल्य पर वस्तुएं हासिल कर सकेंगे।
वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों के इस क्षेत्र में प्रवेश से मझोले कारोबारियों को कोई नुकसान नहीं होगा। विदेशी कंपनियों को १० करोड़ डॉलर का निवेश करना होगा, जिसमें से आधी धनराशि ग्रामीण क्षेत्रों में भंडारण तथा अन्य मूलभूत ढांचागत सुविधाओं के विकास पर खर्च की जाएगी। आनंद शर्मा ने कहा कि बड़े स्टोर अपना सामान सीधे किसानों से खरीदेंगे, जिससे उन्हें उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा। अभी बिचौलियों के चलते किसानों को रिटेल बाजार में १० से १२ फीसदी कम मूल्य मिलता है। इसी कारण किसानों का नकदी फसलों के प्रति रुचि भी कम हो रही है। मगर, एफडीआई से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होना सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि समुचित भंडारण व्यवस्था बनने से बड़ी मात्र में खाद्यान्न की बरबादी रोकी जा सकेगी। फिलहाल ३५ से ४० प्रतिशत फल और सब्जियां तथा १० प्रतिशत अनाज बरबाद हो जाता है। इसके चलते सालाना लगभग एक खरब रुपये का नुकसान होता है। हालांकि, सरकार की ओर से भी खाद्यान्न और फल-सब्जियों के भंडारण की व्यवस्था को विस्तार देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार का दावा है कि रिटेल कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी मिलने से एक करोड़ लोगों को नौकरी मिलेगी। सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस और विपक्ष की आशंकाओं को सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। सरकार के मुताबिक इस फैसले से तीन साल के भीतर रिटेल क्षेत्र में बड़ी तादाद में नौकरियां पैदा होंगी। इससे किसानों को भी उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा और उपभोक्ता भी उचित मूल्य पर वस्तुएं हासिल कर सकेंगे।
वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों के इस क्षेत्र में प्रवेश से मझोले कारोबारियों को कोई नुकसान नहीं होगा। विदेशी कंपनियों को १० करोड़ डॉलर का निवेश करना होगा, जिसमें से आधी धनराशि ग्रामीण क्षेत्रों में भंडारण तथा अन्य मूलभूत ढांचागत सुविधाओं के विकास पर खर्च की जाएगी। आनंद शर्मा ने कहा कि बड़े स्टोर अपना सामान सीधे किसानों से खरीदेंगे, जिससे उन्हें उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा। अभी बिचौलियों के चलते किसानों को रिटेल बाजार में १० से १२ फीसदी कम मूल्य मिलता है। इसी कारण किसानों का नकदी फसलों के प्रति रुचि भी कम हो रही है। मगर, एफडीआई से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होना सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि समुचित भंडारण व्यवस्था बनने से बड़ी मात्र में खाद्यान्न की बरबादी रोकी जा सकेगी। फिलहाल ३५ से ४० प्रतिशत फल और सब्जियां तथा १० प्रतिशत अनाज बरबाद हो जाता है। इसके चलते सालाना लगभग एक खरब रुपये का नुकसान होता है। हालांकि, सरकार की ओर से भी खाद्यान्न और फल-सब्जियों के भंडारण की व्यवस्था को विस्तार देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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