सरकार ने आईआईटी के बाद अब आईआईएम को वर्ल्ड क्लास इंस्टिट्यूट बनाने के लिए कमर कस ली है। सरकार ने तय किया है कि हर तीन साल में देश के सभी आईआईएम संस्थानों की बाहरी समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा आईआईएम में बिजनेस प्रबंधन के साथ सोशल सेक्टर से जुड़े प्रबंधन के प्रोग्राम भी शुरू किए जाएंगे। आईआईएम ऊर्जा प्रबंधन, शैक्षिक संस्थान प्रबंधन, स्वास्थ्य प्रबंधन, कृषि प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में करिकुलम तैयार करने में अपना योगदान देंगे। ऐसे प्रोग्राम को संचालित करने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने का फैसला किया गया है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार आईआईएम में स्टूडेंट्स की तादाद बढ़ाने और विदेशी स्टूडेंट्स को आकर्षित करने के लिए आईआईएम मिलकर रोड शो कर सकते हैं। आईआईएम की योजना एक वर्ल्ड क्लास जर्नल निकालने की भी है जिसकी जिम्मेदारी कोलकाता और कोझीकोड को संयुक्त रूप से सौंपी गई है। नए आईआईएम के बीच परस्पर समन्वय के लिए एक स्थायी समिति का गठन भी किया गया है। साथ ही सरकार ने आईआईएम में रिसर्च व पीएचण्डी कार्यों को बढ़ावा देने के मकसद से एक योजना बनाई है जिसके तहत आईआईएम से 100 अतिरिक्त पीएचण्डी के लिए 95 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
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