पीयू बोर्ड का प्रस्ताव पेशेवर पाठ्यक्रमों में सरकारी कोटे की सीटों की व्यवस्था अपनाने के बाद अब कर्नाटक में प्री-यूनिवर्सिटी (पीयू) कॉलेजों की बारी है। यदि सब कुछ योजनानुसार चला तो अगले शैक्षणिक सत्र से दसवीं की पढ़ाई पूरा करने के बाद पहली पीयूसी में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को न तो आवेदन पत्र खरीदने के लिए लम्बी कतार में लगना पड़ेगा और न ही चयन सूची की बाट जोहनी पड़ेगी। इसके स्थान पर अपनी पसंद के कॉलेज तथा पाठ्यक्रम के लिए वे पीयू बोर्ड की वेबसाइट पर जा सकते हैं और अपने आवेदन की वर्तमान स्थिति को ऑनलाइन ही जांच सकते हैं।
राज्य सरकार केन्द्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से निजी कॉलेजों में उपलब्ध करीब ५० फीसदी सीटों को भरने के प्रदेश पीयू विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देने की योजना बना रही है। विद्यार्थियों के हितों के मद्देनजर बोर्ड खुद की शुल्क संरचना निर्धारित करने पर भी विचार कर रहा है।
सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) की वर्तमान सीट चयन प्रक्रिया की तर्ज पर चार माह पूर्व ही पहली पीयूसी में प्रवेश के लिए केन्द्रीकृत प्रक्रिया शुरू करने के लिए पीयू बोर्ड ने सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव दाखिल किया है। इसके अनुसार बोर्ड पीयू कॉलेजों में उपलब्ध ५० फीसदी सीटों को भरने की योजना बना रहा है। शेष ५० फीसदी सीटें प्रबंधन कोटा की होंगी।
ऑनलाइन आवेदन
नई व्यवस्था के अंतर्गत विद्यार्थियों को आवेदन पत्र सीधे कॉलेजों में जमा करने की बजाय ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा। वरीयता के अनुसार वे इंटरनेट पर ही पसंद के कॉलेजों को चुन सकते हैं। उनके प्राप्तांकों तथा आरक्षण के अनुसार पीयू बोर्ड उन्हें सीट आवंटित करेगा। पीयू विभाग प्रस्तावित योजना के लिए पृथक सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) से संपर्क साधने पर विचार कर रहा है।
राज्य सरकार केन्द्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से निजी कॉलेजों में उपलब्ध करीब ५० फीसदी सीटों को भरने के प्रदेश पीयू विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देने की योजना बना रही है। विद्यार्थियों के हितों के मद्देनजर बोर्ड खुद की शुल्क संरचना निर्धारित करने पर भी विचार कर रहा है।
सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) की वर्तमान सीट चयन प्रक्रिया की तर्ज पर चार माह पूर्व ही पहली पीयूसी में प्रवेश के लिए केन्द्रीकृत प्रक्रिया शुरू करने के लिए पीयू बोर्ड ने सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव दाखिल किया है। इसके अनुसार बोर्ड पीयू कॉलेजों में उपलब्ध ५० फीसदी सीटों को भरने की योजना बना रहा है। शेष ५० फीसदी सीटें प्रबंधन कोटा की होंगी।
ऑनलाइन आवेदन
नई व्यवस्था के अंतर्गत विद्यार्थियों को आवेदन पत्र सीधे कॉलेजों में जमा करने की बजाय ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा। वरीयता के अनुसार वे इंटरनेट पर ही पसंद के कॉलेजों को चुन सकते हैं। उनके प्राप्तांकों तथा आरक्षण के अनुसार पीयू बोर्ड उन्हें सीट आवंटित करेगा। पीयू विभाग प्रस्तावित योजना के लिए पृथक सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) से संपर्क साधने पर विचार कर रहा है।
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