मंगलवार, 8 नवंबर 2011

इंजीनियर बनने के लिए 35 फीसदी ही काफी

हाईस्कूल में 35 फीसदी अंक हैं तो क्या हुआ। यदि मन में इंजीनियर बनने का सपना पाले हुए हैं तब भी निराश होने की जरूरत नहीं। अब ऐसे छात्र भी साकार कर सकते हैं पेशेवर शिक्षा का सपना। दरअसर देश विदेश में पेशेवरों की बढ़ती मांग के मद्देनजर ऐसा बदलाव किया जा रहा है। अगले शैक्षणिक सत्र से 35 फीसदी अंकों के साथ हाईस्कूल पास करने वाले छात्र इंजीनियरिंगए फार्मेसीए आर्किटेक्चरए होटल मैनेजमेंट या अप्लाइड आर्ट्स और क्राफ्ट्स के तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश ले सकेंगे। अभी तक अंक सीमा 50 फीसदी थी। इसके साथ ही पेशेवर कोर्स में प्रवेश मिलने की राह आसान होगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद एआईसीटीई ने पेशेवर शिक्षा में प्रवेश के लिए न्यूनतम अंक सीमा में और छूट देने का फैसला किया है। एआईसीटीई ने तकनीकी कॉलेजों में वर्ष 2012.13 सत्र में प्रवेश के लिए नए दिशा निर्देश जारी करते हुए डिप्लोमा कोर्स में न्यूनतम अंक सीमा में 15 और डिग्री कोर्स में 5 फीसदी की कमी की है। ज्यादा से ज्यादा लोग तकनीकी शिक्षा हासिल कर सकें और सीटें खाली नहीं रहें इस वजह से ऐसा किया जा रहा है। अभी लगभग ढाई लाख सीटें हर साल खाली रह जाती हैं।

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