भारत समेत गैर यूरोपीय देशों के लोगों के लिए ब्रिटेन में नौकरियां अब और घट गई हैं। ब्रिटिश सरकार ने और कई तरह के प्रफेशन को शॉर्टेज ऑक्युपेशन लिस्ट में डाल दिया है। मतलब, इन श्रेणियों के माहिर लोग अगर गैर यूरोपीय देशों के हैं, तो वे इनके लिए अप्लाई नहीं कर पाएंगे। इसका असर हर साल करीब ४० हजार लोगों पर पड़ेगा।
शॉर्टेज ऑक्युपेशन लिस्ट में शामिल नौकरियों के लिए गैर यूरोपीय देशों के नागरिकों को ब्रिटेन आने की छूट मिलती है। यूरोप के अलावा बाकी देशों के अति कुशल पेशेवरों को इसी लिस्ट के आधार पर टियर-२ वीजा दिया जाता है। ब्रिटिश कंपनियों का कहना है कि इन श्रेणियों की नौकरियों के लिए स्वदेश में ही तमाम प्रफेशनल उपलब्ध हैं। इसी के बाद सरकार ने लिस्ट में यह तब्दीली की। इमिग्रेशन मिनिस्टर डेमियन ग्रीन का कहना है कि यूरोपीय यूनियन के बाहर के देशों से हम ऐसे बेस्ट लोगों को नौकरी देना चाहते हैं, जिनकी काबिलियत का हम फायदा उठा सकें।
जिन पेशों को लिस्ट से हटाया गया
सेकंडरी एजुकेशन बायॉलजी टीचर, स्पीच ऐंड लैंग्वेज थेरपिस्ट, फार्मेसिस्ट, वेटनरी सर्जन और ऑर्केस्ट्रा म्यूजिशियन। हालांकि लिस्ट में एक्चुअरीज, उच्च श्रेणी के पाइप वेल्डर, इन्वाइरनमेंट साइंटिस्ट और जियोकेमिस्ट जैसे प्रफेशंस को जोड़ा गया है। डेविड कैमरन सरकार ने माइग्रेशन अडवाइजरी काउंसिल (मैक) की सिफारिशों को मंजूर करते हुए तुरंत प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया है।शॉर्टेज ऑक्युपेशन लिस्ट में शामिल नौकरियों के लिए गैर यूरोपीय देशों के नागरिकों को ब्रिटेन आने की छूट मिलती है। यूरोप के अलावा बाकी देशों के अति कुशल पेशेवरों को इसी लिस्ट के आधार पर टियर-२ वीजा दिया जाता है। ब्रिटिश कंपनियों का कहना है कि इन श्रेणियों की नौकरियों के लिए स्वदेश में ही तमाम प्रफेशनल उपलब्ध हैं। इसी के बाद सरकार ने लिस्ट में यह तब्दीली की। इमिग्रेशन मिनिस्टर डेमियन ग्रीन का कहना है कि यूरोपीय यूनियन के बाहर के देशों से हम ऐसे बेस्ट लोगों को नौकरी देना चाहते हैं, जिनकी काबिलियत का हम फायदा उठा सकें।
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