ऊंचे वेतन की चाह में ज्यादातर कर्मचारी नौकरी बदलकर दूसरी कंपनी में जाने की योजना बना रहे हैं। ग्लोबल रिक्रूटमेंट सर्विस प्रोवाइडर माईहाइरिंगक्लब.कॉम के सर्वेक्षण के अनुसार, इस साल प्रत्येक पांच में तीन कर्मचारी बेहतर वेतन की संभावना के मद्देनजर दूसरी कंपनी में जाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं पांच में से दो कर्मचारी ऐसे भी हैं, जो मौजूदा वेतन पर ही नौकरी बदलने को तैयार हैं।
सर्वेक्षण में कुल १२,७५६ कर्मचारियों को शामिल किया गया। ज्यादातर कर्मचारी वेतन तथा मौजूदा नौकरी से अंसतुष्ट होने की वजह से दूसरी कंपनी में जाना चाहते हैं। प्रत्येक पांच में से चार कर्मचारी ऐसे थे, जो अपनी मौजूदा नौकरी से खुश नहीं थे। वहीं प्रत्येक चार में से एक कर्मचारी किसी नई इंडस्ट्री में नौकरी चाहता था। सर्वे में कहा गया है कि बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में कार्यरत ३७ फीसदी कर्मचारी इस उद्योग से बाहर नौकरी चाहते हैं। वहीं, दूरसंचार और रियल एस्टेट सेक्टर में कार्यरत कर्मचारी भी किसी नए उद्योग में नौकरी करना चाहते हैं।
हालांकि, आईटी, एफएमसीजी और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी उद्योग के भीतर ही नौकरी बदलना चाहते हैं। बैंकिंग, वित्तीय, बीमा और एनबीएफसी क्षेत्र नौकरी चाहने वालों का पसंदीदा विकल्प नहीं रह गया है। दो-तीन साल पहले यह स्थिति थी कि गैर-आईटी पृष्ठभूमि वाला उम्मीदवार इन क्षेत्रों में नौकरी करना चाहता था।
सैट-एन-मर्क मैनपावर कंसल्टेंट की निदेशक प्राची कुमार ने बताया कि नौकरी का बाजार पूरी तरह बदल गया है। यहां तक कि इन उद्योगों के उम्मीदवार भी दूसरे क्षेत्र में नौकरी करना चाहते हैं। पिछले दो-तीन साल में इन उद्योगों में नौकरी छोड़ने की दर दोगुनी हो गई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि बाजार में नौकरी ढूंढने का चलन फिर से लौट आया है। अब कर्मचारियों को भरोसा है कि वे सिर्फ अपने रेफरेंस से नई नौकरी हासिल कर सकते हैं। प्रत्येक पांच में से चार कर्मचारियों का मानना था कि नई नौकरी पाने में सफलता का प्रतिशत ८५ है। वहीं पांच में से एक कर्मचारी ने कहा कि नौकरी पाने के लिए ऑनलाइन रोजगार बाजार और सलाहकार कंपनियां बेहतर विकल्प हैं।
सर्वेक्षण में कुल १२,७५६ कर्मचारियों को शामिल किया गया। ज्यादातर कर्मचारी वेतन तथा मौजूदा नौकरी से अंसतुष्ट होने की वजह से दूसरी कंपनी में जाना चाहते हैं। प्रत्येक पांच में से चार कर्मचारी ऐसे थे, जो अपनी मौजूदा नौकरी से खुश नहीं थे। वहीं प्रत्येक चार में से एक कर्मचारी किसी नई इंडस्ट्री में नौकरी चाहता था। सर्वे में कहा गया है कि बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में कार्यरत ३७ फीसदी कर्मचारी इस उद्योग से बाहर नौकरी चाहते हैं। वहीं, दूरसंचार और रियल एस्टेट सेक्टर में कार्यरत कर्मचारी भी किसी नए उद्योग में नौकरी करना चाहते हैं।
हालांकि, आईटी, एफएमसीजी और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी उद्योग के भीतर ही नौकरी बदलना चाहते हैं। बैंकिंग, वित्तीय, बीमा और एनबीएफसी क्षेत्र नौकरी चाहने वालों का पसंदीदा विकल्प नहीं रह गया है। दो-तीन साल पहले यह स्थिति थी कि गैर-आईटी पृष्ठभूमि वाला उम्मीदवार इन क्षेत्रों में नौकरी करना चाहता था।
सैट-एन-मर्क मैनपावर कंसल्टेंट की निदेशक प्राची कुमार ने बताया कि नौकरी का बाजार पूरी तरह बदल गया है। यहां तक कि इन उद्योगों के उम्मीदवार भी दूसरे क्षेत्र में नौकरी करना चाहते हैं। पिछले दो-तीन साल में इन उद्योगों में नौकरी छोड़ने की दर दोगुनी हो गई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि बाजार में नौकरी ढूंढने का चलन फिर से लौट आया है। अब कर्मचारियों को भरोसा है कि वे सिर्फ अपने रेफरेंस से नई नौकरी हासिल कर सकते हैं। प्रत्येक पांच में से चार कर्मचारियों का मानना था कि नई नौकरी पाने में सफलता का प्रतिशत ८५ है। वहीं पांच में से एक कर्मचारी ने कहा कि नौकरी पाने के लिए ऑनलाइन रोजगार बाजार और सलाहकार कंपनियां बेहतर विकल्प हैं।
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