आर्थिक मंदी के बीच नौकरियों की खोज करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें जल्द ही नई और अच्छी नौकरी मिल सकती है। वो भी मंदी के दौरान ही। जी हां, अब कंपनियां जॉब मार्केट को बेहतर बनाने में लग गई हैं। इसकी बदौलत ही अकेले जनवरी में ६,३१,००० लोगों को नौकरियां मिली है। जानकार आगे इस आंकड़े में और सुधार की बात कर रहे हैं। एक सर्वे के मुताबिक, जनवरी में नौकरियों में हुआ यह इजाफा एक रिकॉर्ड है। २००७ की मंदी के बाद से अब तक किसी भी १ महीने में सबसे ज्यादा बढ़ी नौकरियां हैं। आने वाले महीनों में नौकरियों की इजाफा दर में और भी सुधार होगा।
गौरतलब है कि पिछले में बेरोज१ साल गारी दर कम हुई है। जनवरी २०११ में ये दर ९.१ फीसदी थी। वहीं जनवरी २०१२ में सुधार के साथ यह आंकड़ा ८.३ फीसदी हो गया है। हालांकि इस दौरान बीच में बेरोजगारी दर में कई बार उतार-चढ़ाव भी हो चुका है। मूडी एनालिस्टिक के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जांडी ने बताया कि हॉउसहोल्ड सर्वे में मिले परिणाम अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत हैं। यह आंकड़ा मंदी के कम होते असर और मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर इशारा करता है।
एक अन्य आंकड़े के मुताबिक, नौकरियों के साथ-साथ छोटे कारोबार की ऋण मांग में भी जबरदस्त उछाल देखा गया है। हालांकि मांग के मुताबिक कर्ज मुहैया कराने में अभी काफी मुश्किल हो रही है।
गौरतलब है कि पिछले में बेरोज१ साल गारी दर कम हुई है। जनवरी २०११ में ये दर ९.१ फीसदी थी। वहीं जनवरी २०१२ में सुधार के साथ यह आंकड़ा ८.३ फीसदी हो गया है। हालांकि इस दौरान बीच में बेरोजगारी दर में कई बार उतार-चढ़ाव भी हो चुका है। मूडी एनालिस्टिक के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जांडी ने बताया कि हॉउसहोल्ड सर्वे में मिले परिणाम अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत हैं। यह आंकड़ा मंदी के कम होते असर और मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर इशारा करता है।
एक अन्य आंकड़े के मुताबिक, नौकरियों के साथ-साथ छोटे कारोबार की ऋण मांग में भी जबरदस्त उछाल देखा गया है। हालांकि मांग के मुताबिक कर्ज मुहैया कराने में अभी काफी मुश्किल हो रही है।
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