देश के सात अर्धसैनिक बलों में एक लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, जिसमें सीमा सुरक्षाबल के 25 हजार और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 17 हजार पद शामिल हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक अर्धसैनिक बलों में खाली एक लाख आठ सौ 83 पदों में से कांस्टेबलों के 74816 जूनियर कमीशन अधिकारियों के 22016 और प्रथम श्रेणी अधिकारियों के 4051 पद शामिल हैं। भारत पाक सीमा और भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा करने वाले सीमा सुरक्षाबल में 25674 पद खाली पड़े हैं जबकि माओवाद विरोधी उग्रवाद विरोधी जैसे मामलों में व्यस्त सीआरपीएफ में 17019 पद रिक्त हैं। इसके अलावा भारत नेपाल सीमा और भारत भूटान सीमा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सशस्त्र सीमाबल में 21316 और केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल में 17320 पद खाली हैं। भारत तिब्बत सीमा पर तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल में 17388 जबकि उत्तर पूर्व में तैनात असम राइफ ल्स और विशेष कमांडो बल में क्रमश: 1585 और 581 पद रिक्त हैं। अगले दो वर्षों में इन सभी पदों के भरने की आशा है। गृह मंत्रालय ने पिछले तीन वर्षों के दौरान केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की क्षमता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जिसमें 36 नई बटालियन बनाना और 116 अतिरिक्त बटालियनों को मंजूरी शामिल है। इक्कीस और बटालियनों को तैयार करने की प्रक्रिया जारी है। एक बटालियन की क्षमता करीब एक हजार पुलिसकर्मियों की है। वर्ष 2009-10 और वर्ष 2010-11 में सात अर्धसैनिक बलों में कुल 95540 पुलिसकर्मियों की भर्ती हुई। वर्ष 2011-12 में कर्मचारी चयन आयोग के जरिए 92168 कांस्टेबलों की भर्ती का प्रस्ताव है। सत्रह नये प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किये जा रहे हैं जबकि 13 संस्थानों में सुधार तथा उन्हें संवर्धित किया जा रहा है।
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