अगले साल ३ लाख नए रोजगार
अगले साल जनवरी-मार्च तिमाही में करीब ३ लाख नए रोजगार मिलेंगे। इनमें से ज्यादातर नौकरियां आईटी, बीपीओ, हेल्थकेयर, एजुकेशन, बैंकिंग-फाइनैंशल सर्विसेज, इंश्योरेंस (बीएफएसआई) और एनर्जी सेक्टर में मिलेंगी। जनवरी-मार्च २०११ में संगठित क्षेत्र में करीब ३.९९ लाख नए रोजगार पैदा हुए थे। ऑटो, कंस्ट्रक्शन, इंजीनियरिंग, एफएमसीजी और टेलिकॉम सेक्टर भर्तियों को लेकर सावधानी बरत सकते हैं। आईटी उद्योग की संस्था नैस्कॉम का कहना है कि सिर्फ आईटी-बीपीओ में अगले साल २.५ लोगों को रोजगार मिलेगा। इनमें से ज्यादातर नौकरियां अगले साल मार्च तक मिलेंगी। बेंगलुरु की प्लेसमेंट ऐंड सर्च फर्म आईकया ह्यूमन कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत आइजैक का कहना है, 'आर्थिक सुस्ती का रोजगार बाजार पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। हमारे ज्यादातर क्लाइंट भर्ती योजना पर आगे बढ़ रहे हैं।' नैस्कॉम के प्रेजिडेंट सोम मित्तल ने कहा कि छोटे शहरों में आईटी उद्योग का विस्तार हो रहा है। ज्यादातर नई नौकरियां वहीं से आएंगी। भारतीय आईटी-बीपीओ कंपनियां जो भर्तियां करती हैं, उनमें ६५-७० फीसदी फ्रेशर होते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी भारतीय इकाइयों में ९० फीसदी तक फ्रेशर रखती हैं। फिक्की के प्रेजिडेंट हर्ष मारीवाला ने कहा, 'जीडीपी ग्रोथ में कमी आने की आशंका को देखते हुए सरकार से आर्थिक सुधार जारी रखने की उम्मीद है। इससे निवेश बढ़ सकता है। इससे नए रोजगार पैदा होंगे और अच्छे टैलेंट की होड़ तेज हो सकती है।' मारीवाला एफएमसीजी कंपनी मैरिको के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। मा फोई रैंडस्टैड्स के मुताबिक, २०१२ के पहले तीन महीनों में इस साल की पहली तिमाही जितनी नौकरियां मिल सकती हैं। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ ई बालाजी ने कहा, 'इस साल मार्केट स्थिर रहने वाला है। वैश्विक हालात को देखें तो यह एक तरह से बुरी खबर नहीं है।' जनवरी-मार्च २०१० में संगठित क्षेत्र में २.५ लाख नई नौकरियां मिली थीं। हालांकि, इस साल के पहले तीन महीनों में ३.९९ लाख नए रोजगार पैदा हुए। बालाजी का कहना है, 'इस साल की शुरुआत में सेंटीमेंट बहुत अच्छा था। हालांकि अप्रैल-मई में यूरोपीय संकट के चलते सेंटीमेंट खराब हो गया।' एग्जेक्युटिव सर्च फर्म ग्लोबलहंट के डायरेक्टर सुनील गोयल ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर-एनर्जी, ऑयल और गैस, एग्रो-बिजनेस जैसे क्षेत्रों में नए रोजगार पैदा हो रहे हैं। वहीं, बालाजी का कहना है, 'बड़ी आईटी, आईटीईएस और एनर्जी कंपनियां खाली पदों को भरने के लिए आवेदन मंगा रही हैं। एक और दमदार क्षेत्र हेल्थकेयर है।' आईटी के बाद नए रोजगार के लिहाज से दूसरा महत्वपूर्ण क्षेत्र हेल्थकेयर होगा। फोर्टिस, अपोलो, मैक्स और मणिपाल जैसी हॉस्पिटल चेन देश भर में बिस्तरों की संख्या बढ़ा रही हैं। फोटिर्स हेल्थकेयर के ग्लोबल सीईओ विशाल बाली ने बताया, 'प्राइवेट हेल्थकेयर सेक्टर में हर तिमाही में ७,०००-८,००० बिस्तर जुड़ रहे हैं। एक बिस्तर जुड़ने से औसतन चार से पांच रोजगार मिलते हैं। अगली तिमाही में निजी अस्पताल ३५,००० नए रोजगार दे सकते हैं।'
अगले साल जनवरी-मार्च तिमाही में करीब ३ लाख नए रोजगार मिलेंगे। इनमें से ज्यादातर नौकरियां आईटी, बीपीओ, हेल्थकेयर, एजुकेशन, बैंकिंग-फाइनैंशल सर्विसेज, इंश्योरेंस (बीएफएसआई) और एनर्जी सेक्टर में मिलेंगी। जनवरी-मार्च २०११ में संगठित क्षेत्र में करीब ३.९९ लाख नए रोजगार पैदा हुए थे। ऑटो, कंस्ट्रक्शन, इंजीनियरिंग, एफएमसीजी और टेलिकॉम सेक्टर भर्तियों को लेकर सावधानी बरत सकते हैं। आईटी उद्योग की संस्था नैस्कॉम का कहना है कि सिर्फ आईटी-बीपीओ में अगले साल २.५ लोगों को रोजगार मिलेगा। इनमें से ज्यादातर नौकरियां अगले साल मार्च तक मिलेंगी। बेंगलुरु की प्लेसमेंट ऐंड सर्च फर्म आईकया ह्यूमन कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत आइजैक का कहना है, 'आर्थिक सुस्ती का रोजगार बाजार पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। हमारे ज्यादातर क्लाइंट भर्ती योजना पर आगे बढ़ रहे हैं।' नैस्कॉम के प्रेजिडेंट सोम मित्तल ने कहा कि छोटे शहरों में आईटी उद्योग का विस्तार हो रहा है। ज्यादातर नई नौकरियां वहीं से आएंगी। भारतीय आईटी-बीपीओ कंपनियां जो भर्तियां करती हैं, उनमें ६५-७० फीसदी फ्रेशर होते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी भारतीय इकाइयों में ९० फीसदी तक फ्रेशर रखती हैं। फिक्की के प्रेजिडेंट हर्ष मारीवाला ने कहा, 'जीडीपी ग्रोथ में कमी आने की आशंका को देखते हुए सरकार से आर्थिक सुधार जारी रखने की उम्मीद है। इससे निवेश बढ़ सकता है। इससे नए रोजगार पैदा होंगे और अच्छे टैलेंट की होड़ तेज हो सकती है।' मारीवाला एफएमसीजी कंपनी मैरिको के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। मा फोई रैंडस्टैड्स के मुताबिक, २०१२ के पहले तीन महीनों में इस साल की पहली तिमाही जितनी नौकरियां मिल सकती हैं। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ ई बालाजी ने कहा, 'इस साल मार्केट स्थिर रहने वाला है। वैश्विक हालात को देखें तो यह एक तरह से बुरी खबर नहीं है।' जनवरी-मार्च २०१० में संगठित क्षेत्र में २.५ लाख नई नौकरियां मिली थीं। हालांकि, इस साल के पहले तीन महीनों में ३.९९ लाख नए रोजगार पैदा हुए। बालाजी का कहना है, 'इस साल की शुरुआत में सेंटीमेंट बहुत अच्छा था। हालांकि अप्रैल-मई में यूरोपीय संकट के चलते सेंटीमेंट खराब हो गया।' एग्जेक्युटिव सर्च फर्म ग्लोबलहंट के डायरेक्टर सुनील गोयल ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर-एनर्जी, ऑयल और गैस, एग्रो-बिजनेस जैसे क्षेत्रों में नए रोजगार पैदा हो रहे हैं। वहीं, बालाजी का कहना है, 'बड़ी आईटी, आईटीईएस और एनर्जी कंपनियां खाली पदों को भरने के लिए आवेदन मंगा रही हैं। एक और दमदार क्षेत्र हेल्थकेयर है।' आईटी के बाद नए रोजगार के लिहाज से दूसरा महत्वपूर्ण क्षेत्र हेल्थकेयर होगा। फोर्टिस, अपोलो, मैक्स और मणिपाल जैसी हॉस्पिटल चेन देश भर में बिस्तरों की संख्या बढ़ा रही हैं। फोटिर्स हेल्थकेयर के ग्लोबल सीईओ विशाल बाली ने बताया, 'प्राइवेट हेल्थकेयर सेक्टर में हर तिमाही में ७,०००-८,००० बिस्तर जुड़ रहे हैं। एक बिस्तर जुड़ने से औसतन चार से पांच रोजगार मिलते हैं। अगली तिमाही में निजी अस्पताल ३५,००० नए रोजगार दे सकते हैं।'
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें