गुरुवार, 6 दिसंबर 2012

एक परीक्षा और एक इंटरव्यू, मिलेगी बैंक की नौकरी

बैंकों में नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिये खुशखबरी है. अब बैंक में नौकरी के लिए सिर्फ एक ऑनलाइन परीक्षा और एक इंटरव्यू ही पास करना होगा. इसके अलावा जिन छात्रों के स्नातक में ६० प्रतिशत अंक नहीं हैं, वे भी बैंक में क्लर्क की नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे.

हालांकि स्नातक में ६० फीसदी से कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी सार्वजनिक बैंकों में अधिकारी नहीं बन पाएंगे. वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक बैंकों में अधिकारी और क्लर्क की भर्ती की नई योजना को मंजूरी दे दी है. जिसके तहत इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आईबीपीएस) द्वारा प्रस्तावित नई भर्ती योजना को वित्त मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है.

देश के सभी सार्वजनिक बैंकों के लिए योग्यता के मानक क्लर्क और अधिकारी के लिए एक समान होंगे. नई योजना में अधिकारी और क्लर्क दोनों की भर्ती के लिए आयु सीमा २०-२८ वर्ष तय की गई है. शैक्षणिक योग्यता क्लर्क कैडर के लिए किसी भी विषय में स्नातक या उसके समान और अधिकारी के लिए स्नातक में कम से कम ६० फीसदी अंक निर्धारित की गई है. उल्लेखनीय है कि अभी तक कई सार्वजनिक बैंकों की भर्ती परीक्षाएं और मानक अलग-अलग थे.

वित्त मंत्रालय के निर्देश के अनुसार सभी सार्वजनिक बैंकों के लिए कॉमन इंटरव्यू होगा, जिसे आईबीपीएस आयोजित करेगा. लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों को ८० और २० फीसदी के अनुपात में महत्व देते हुए मेरिट लिस्ट बनेगी. इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने परीक्षा का शुल्क ४०० रुपये सभी सार्वजनिक बैंकों के लिए तय कर दिया है. वित्त मंत्रालय ने यह दिशा निर्देश सभी सार्वजनिक बैंकों के एचआर प्रमुखों और आईबीपीएस के साथ योजना की मंजूरी के बाद जारी किया है.
टॉप  स्कूलों पर पड़ सकती है मंदी की छाया

जिंदगी के अनुभव से मिले सबक अक्सर क्लासरूम के ज्ञान से बेहतर होते हैं। देश के बेस्ट बिजनेस स्कूल भी इसका अपवाद नहीं हो सकते। दुनिया भर में इकनॉमी की लड़खड़ाती हालत की वजह से आईआईएम और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) से इस साल ग्रैजुएट होने वाले छात्रों को अपना करियर संभालने की बड़ी चुनौती सामने होगी। ऐसे में, इन छात्रों के लिए जिंदगी के अनुभव जैसे जुमले शायद ही खास राहत दे सकें। भर्तियों की हालत को लेकर आईआईएम के चार डायरेक्टरों, प्लेसमेंट सेल के दो स्टूडेंट हेड और रिक्रूटमेंट मैनेजरों से बात की। इन सभी का मानना है कि जब अगले महीने प्लेसमेंट सीजन शुरू होगा तो पहले के मुकाबले कम भर्तियां होगी और वेतन भी कम ऑफर किए जाएंगे। ऐसे में, टॉप बिजनेस स्कूल के छात्र खुद को बदतर हालात के लिए तैयार कर रहे हैं। कभी ड्रीम जॉब की हसरत रखने वाले ये छात्र अब अपनी आकांक्षाओं को थोड़ा कम कर रहे हैं।
आईआईएम कोलकाता के प्लेसमेंट चेयरमैन अमित धीमान को भी यह स्वीकार करने से परहेज नहीं है कि फाइनल प्लेसमेंट के लिए ३५० छात्रों को एक साथ बैठाना एक बड़ी चुनौती होगी। आईआईएम अहमदाबाद में अंतिम साल के २४ वर्षीय छात्र विशाल शर्मा कहते हैं, 'मैं यह जानना चाहता हूं कि आर्थिक सुस्ती का कितना असर हमारी प्लेसमेंट पर पड़ेगा।' इसी तरह, उनके सहपाठी आर श्रीधर भर्ती करने वाली कंपनियों का हाल जानने के लिए अपने संस्थान के पूर्व छात्रों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। साल २०१२ में पास होने वाले छात्रों पर वैश्विक मंदी की गहरी छाया है। जब २००९ के आखिर में ये छात्र प्रबंधन संस्थानों की प्रवेश परीक्षा में बैठे थे, तो उस वक्त भी पूरी दुनिया एक साल पहले आई मंदी के प्रकोप से उबरने में जुटी थी। जब इन छात्रों ने जून २०१० में संस्थानों में कदम रखा तो भारत में उस वक्त रिकवरी की आहट आ चुकी थी। विडंबना यह है कि जब ये छात्र कुछ महीनों में अपनी पढ़ाई पूरी कर बाहर निकलेंगे, तो उनकी आशाओं पर पानी फिरता नजर आएगा। श्रीधर कहते हैं, 'जब हमने साल २०१० में आईआईएम अहमदाबाद में प्रवेश किया था तो यह साल २००८ की मंदी से उबरकर रिकवरी की रफ्तार पर था। लेकिन अब हम लोग कॉरपोरेट जगत में घुसने को तैयार हैं, लेकिन डबल डिप मंदी की आशंकाएं गहरा चुकी हैं। प्रो धीमान ने बताया, 'फाइनेंस से जुड़ी जॉब्स में खासी गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि, हर सेक्टर में ऐसी हालत नहीं है। कंसल्टिंग कंपनियों के पास काफी ऑफर हैं। इसके अलावा आईटी, टेक्नोलॉजी में रोजगार के पर्याप्त अवसर हैं।'

आईआईएम कोझीकोड के डायरेक्टर देवाशीष चटर्जी भी इस बार जॉब ऑफरों को लेकर काफी सशंकित हैं। वह कहते हैं, 'हलांकि, एफएमसीजी कंपनियों ने कैंपस आने से हाथ नहीं खींचा है, लेकिन यह बात तय है कि वे भी पिछले साल के मुकाबले कम लोगों को लेंगे।' धीमान का तो यहां तक कहना है कि अगर कुछ लोगों की मानें तो ये कंपनियां सिर्फ कैंपस से अपना रिश्ता बेहतर बनाए रखने के लिए आएंगी।
प्लेसमेंट में पुराने आईआईटी पर भारी पड़े नए

आईआईटी के नए इंस्टीट्यूट पुराने पर भारी पड़ रहे हैं। इन नए संस्थानों में अभी प्लेसमेंट शुरू हुए कुछ साल ही हुए हैं, लेकिन रिक्रूटमेंट कंपनियां यहां से मोटे पैकेज पर ताबड़तोड़ हायरिंग कर रही हैं। रोपड़, पटना, हैदराबाद, भुवनेश्वर और गांधीनगर आईटीआईटी ने हायरिंग के मामले में पुराने इंस्टीट्यूट्स को पीछे छोड़ दिया है। माइक्रोसॉफ्ट, एमेजॉन और गूगल जैसी कंपनियां टैलेंट की तलाश में नए आईआईटी में जा रही हैं। यहां इस साल जो एवरेज सैलरी ऑफर की गई है, उसमें १५-२० फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, मद्रास, रुड़की, खड़गपुर, बॉम्बे, दिल्ली और गुवाहाटी जैसे पुराने आईआईटी में फाइनल प्लेसमेंट ऑफर में सैलरी ५-१० फीसदी ही बढ़ी है। इस साल नए आईआईटी में ज्यादा कंपनियों की एंट्री हुई। यहां प्री-प्लेसमेंट ऑफर (पीपीओ) भी बढ़ा। इन संस्थानों में टॉप पैकेज में भी इजाफा हुआ है। मिसाल के लिए आईटी सर्विसेज कंपनी एपिक सिस्टम्स ने आईटीआईटी रोपड़ के दो स्टू़डेंट्स को १,०५,००० डॉलर (तकरीबन ५७ लाख रुपए) का पैकेज ऑफर किया है। पिछले साल इस इंस्टीट्यूट में सबसे ज्यादा ऑफर ८०,००० डॉलर ( तकरीबन ४३.६ लाख रुपए) का था।

नई आईआईटी की सफलता में पीपीओ पर काफी जोर दिया जाता है। इसी का असर रिक्रूटमेंट पर दिख रहा है। समर इंटर्नशिप में स्टूडेंट्स को बेस्ट परफॉर्मेंस देने के लिए बढ़ावा दिया जाता है। इससे यहां पीपीओ में शानदार बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल जहां आईआईटी रोपड़ और आईआईटी पटना में पीपीओ की संख्या १ थी, वहीं इस बार यह बढ़कर क्रमश: १० और ३ हो गया। 'पहले आओ, पहले पाओ' की रणनीति के तहत आईआईटी भुवनेश्वर, गांधीनगर, पटना और रोपड़ ने सितंबर के आखिर में ही अपना प्लेसमेंट शुरू कर दिया। आईआईटी रोपड़ में ट्रेनिंग और प्लेसमेंट ऑफिसर पी एस सिंह ने बताया, 'हमने काफी पहले से कंपनियों से संपर्क करना शुरू कर दिया था। लिहाजा, इस बार कैंपस में आने वाली कंपनियों की संख्या पिछले साल से ज्यादा रही।

पिछले साल जहां कैंपस में कुल २१ कंपनियां आई थीं, वहीं इस बार अब तक यह आंकड़ा ३० के पार पहुंच चुका है और इसमें और बढ़ोतरी की संभावना है।' आईआईटी गांधीनगर के स्टूडेंट कोऑर्डिनेटर्स ने कंपनियों के एचआर हेड से लगातार संपर्क बनाए रखा, ताकि कंपनियां इंस्टीट्यूट को नजरअंदाज न करें। इंस्टीट्यूट की यह कोशिश रंग लाई और इस बार कॉग्निजेंट और टीसीएस जैसी कंपनियां यहां आईं।

आईटी रोपड़ के स्टूडेंट्स को ११-१६ लाख का ऑफर मिला है। वहीं, आईटीआईटी गांधीनगर के स्टूडेंट्स को ९.५-९.९ लाख की रेंज में ऑफर मिले हैं। पिछले साल आईआईटी रोपड़ की एवरेज सैलरी ८.३२ लाख थी। इसी तरह, माइक्रोसॉफ्ट ने आईआईटी जोधपुर के ७ स्टूडेंट्स को १७ लाख का पैकेज ऑफर किया है। आईटीआईटी हैदराबाद के स्टूडेंट्स को एमेजॉन, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, क्वालकॉम जैसी कंपनियों से ऑफर मिले हैं।