रविवार, 1 अप्रैल 2012

हर साल 50 लाख जॉब्स आधी सीटें खाली

पर्यटन ने युवाओं के लिए काम के बेशुमार मौके पैदा कर दिए हैं। वर्ल्ड ट्रेवल एंड टूरिज्म काउंसिल के अनुसार 2018 तक भारत दुनिया का सबसे सक्रिय टूरिस्ट स्पॉट होगा। लेकिन देश के शिक्षण संस्थान पर्यटन मार्केट की इस हलचल से हैं बेखबर। ज्यादातर कोर्स हैं पुराने और अप्रासंगिक। इनमें करीब आधी सीटें खाली हैं। युवाओं में इस सेक्टर में रोजगार के प्रति जागरूकता की कमी भी है।
रोजगार में टूरिज्म ने आईटी को पीछे छोड़ा
नई नौकरियों की संभावनाओं के लिहाज से पर्यटन उद्योग ने आईटी सेक्टर को पीछे छोड़ दिया है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा है कि अगले पांच साल में पर्यटन के क्षेत्र में ढाई करोड़ नए रोजगार आएंगे। यानी एक साल में 50 लाख। देश के कुल रोजगार में 75 फीसदी योगदान देने वाला यह सेक्टर अब प्राचीन स्मारकों पहाड़ों या नेशनल पार्को की परंपरागत दुनिया से बाहर मेडिकल टूरिज्मए ईको टूरिज्म रूरल वॉटर और एडवेंचर के नए क्षेत्रों में पांव पसार रहा है। इन क्षेत्रों में हर तरह के दक्ष कामगारों की मांग बढ़ रही है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2004 के बाद पर्यटन में आई तेजी में इन्क्रेडिबल इंडिया जैसे कैम्पेन का भी बड़ा योगदान रहा। इस आकर्षक मार्केटिंग मुहिम के रचनाकारों में शामिल ष्ब्रांडिंग इंडिया के लेखक अमिताभ कांत बताते हैं ष्केरल 1990 के दशक के मध्य तक देश के पर्यटन नक्शे पर किसी हैसियत में नहीं था। सिर्फ मौलिक आइडियाज इन्फ्रास्ट्रक्चर और बेहतर मार्केटिंग के बूते आज देश में वह सबसे ऊपर है। बेकवॉटर और आयुर्वेद जैसे अछूते और नए क्षेत्रों में हमने काम किया। उद्यमियों ने रिसॉर्ट्स खोले। इन प्रयोगों ने केरल का नक्शा बदल दिया। इसका असर रोजगार पर पड़ा। विशेषज्ञों के मुताबिक सहाय ने जिस तरह के रोजगार का इशारा किया है उसमें ज्यादातर ऐसे हैं जिनमें बड़ी डिग्रियों की नहीं सीमित अवधि की ट्रेनिंग की जरूरत है। ये पर्यटकों के सीधे संपर्क में आने वाले कई तरह की सेवाओं के आसान अवसर हैं। इनमें ट्रांसपोर्ट फूड हेंडलूम हेंडीक्राट आदि शामिल हैं। दिल्ली में नौकरी डॉट कॉम के एक्जीक्यूटिव वायस चेयरमैन वी सुरेश का कहना है कि ज्यादातर जॉब्स असंगठित क्षेत्र के हैं। इस सेक्टर में डिग्रीधारियों के व्हाइट कॉलर जॉब्स सीमित हैं। लेकिन दोनों क्षेत्रों के मद्देनजर शिक्षण संस्थानों की तैयारी काफी पिछड़ी हुई है।
पर्यटन सेक्टर में सालाना वृद्धि 22 फीसदी की है। विस्तार नए नए क्षेत्रों में हो रहा है। उत्तराखंड में फाइव स्टार होटल्स की बजाए कॉटेज.इंडस्ट्री की जरूरत है जो स्थानीय लोगों को कमाई के बेशुमार अवसर देगी। उत्तरपूर्व में यह तरीका कामयाब भी रहा है। उत्तरप्रदेश में अस्सी फीसदी पर्यटकों का आकर्षण भले ही ताजमहल और वाराणसी हों लेकिन अब यहां के प्राचीन बौद्ध स्मारकों को अलग से उभारने की तैयारी है। चीन को छोड़कर एशिया के ज्यादातर देशों के मुकाबले भारत घरेलू व वैश्विक सैर.सपाटे का सबसे सक्रिय स्पॉट बन चुका है। 2008 में 50 हजार 730 करोड़ की कमाई 2010 में बढ़कर 64 हजार 889 करोड़ रुपए हो गई। 28 फीसदी का यह इजाफा आने वाले कल की बेहतर संभावनाओं का इशारा ही है।
देश में एक लाख सीटें ज्यादातर कोर्स पुराने
देश के 80 विश्वविद्यालयों और ढाई सौ कॉलेजों में पर्यटन से जुड़े दो सौ से ज्यादा कोर्सो में 20 हजार सीटें हैं। शिक्षा डॉट कॉम के मुताबिक निजी क्षेत्र के करीब एक हजार संस्थानों को मिलाकर सभी तरह के कोर्स व प्रोग्राम में सीटों की तादाद एक लाख से ऊपर है। अधिकतर कोर्स पुराने हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म के निदेशक मनोज दीक्षित कहते हैं ष्हॉस्पिटैलिटी ट्रेवल व टूरिज्म के कोर्सो की आधी सीटें तो खाली रहती हैं क्योंकि कोर्स स्किल बेस नहीं हैं। सीटें खाली होने के बारे में शिक्षा डॉट कॉम के हेड प्रकाश संगम का कहना है कि स्टुडेंट्स भी इस सेक्टर के बारे में जागरूक नहीं है। लखनऊ इंस्टीट्यूट में ही तीन कोर्सो में से एक बंद है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रेवल मैनेजमेंट आईआईटीटीएम के चार शहरों में स्थित केंद्रों की आरक्षित सीटें शायद ही कभी भरी हों।
इसके ग्वालियर केंद्र से इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स में पास मेरठ मूल के पीयूष चौधरी को हाल ही में थामस कुक कंपनी ने दस लाख के पैकेज पर चुना। क्लियर ट्रिप और वुडलैंड जैसी कंपनियों ने भी चार लाख रुपए के शुरुआती पैकेज पर प्लेसमेंट किया। ऐसे उदाहरण गिने.चुने ही हैं। बेंगलुरू स्थित एचआर कंपनी ष्माफोई रेनस्टेड के अध्यक्ष स्टाफिंग आदित्यनारायण मिश्रा कहते हैं ष्डिग्री लेकर निकल रहे ज्यादातर युवाओं की दक्षता पर्यटन मार्केट की जरूरतों से मेल नहीं खाती। उनकी प्रेक्टिकल नॉलेज का स्तर बेहद खराब पाया गया है। वर्ल्ड ट्रेवल एंड टूरिज्म कौंसिल के अनुसार 2009 से 2018 के बीच भारत दुनिया का सर्वाधिक सक्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन होगा। लेकिन पर्यटन उद्योग में हो रहे तेज बदलावों से शिक्षण संस्थानों का कोई कनेक्ट ही नहीं है। वे बाजार की जरूरतों के हिसाब से बेखबर ही हैं। ज्यादातर कोर्स पुराने हैं। काउंसलर डॉ अमृता दास का कहना है कि ऑनलाइन ट्रेवल पोर्टल और डेस्टीनेशन मैनेजमेंट जैसे क्षेत्र कोर्स से अछूते होना आश्चर्यजनक है। जबकि ऑनलाइन ट्रेवल पोर्टल इस समय सबसे ज्यादा रोजगार देने में सक्षम है।
शिक्षा डॉट कॉम के हेड प्रकाश संगम का मानना है कि टूरिज्म सेक्टर के प्रति स्टुडेंट्स में पर्याप्त जागरूकता भी नहीं है। यही वजह है कि उनका रुझान इस तरफ कम रहा। पर्यटन सेक्टर में इस हलचल के चलते प्रधानमंत्री की नेशनल स्किल डेवलमेंट स्कीम की तर्ज पर सरकारी व निजी शिक्षण संस्थान डिग्री व सर्टिफिकेट के साथ अब दक्षता पर जोर देने लगे हैं। खासतौर से फंट्र लाइन जॉब्स में। हुनर से रोजगार इसी कड़ी का हिस्सा है। इसमें आठवीं.दसवीं पास युवाओं को होटल.हॉस्पेटलिटी में मार्केट की जरूरतों के मुताबिक ट्रेनिंग दी जाने लगी हैं। ताकि देश में राष्ट्रीय.अंतरराष्ट्रीय महत्व के 75 पर्यटन स्थलों से जुड़े बाकी स्थानों पर भी दक्ष कामगारों का नेटवर्क कायम हो। लखनऊ विवि ने इस पर फोकस किया और दो साल पहले 850 नए गाइड तैयार किए। देश में अपने तरह की यह पहली कोशिश थी। आईआईटीटीएम के प्रोफेसर निमित चौधरी बताते हैंए ष्दिल्ली आगरा या जयपुर में दिक्कत नहीं है। लेकिन खजुराहो के पास ओरछा जाइए तो समस्याएं हैं। अब शिक्षण संस्थान इसी कमी को पूरा कर रहे हैं। इसलिए यह कहना ठीक नहीं है कि संस्थान बाजार की जरूरतों से बेखबर हैं।

अमेरिका में दाखिले का गोरखधंधा

फर्जी तरीके से अमेरिका में दाखिले को रोकने के लिए नई शर्तें लागू कर दी गई है कॉलेज प्रशासन इससे तो खुश हैं लेकिन विदेशी छात्रों के फर्जीवाड़े को लेकर उनकी आशंकाएं अभी खत्म नहीं हुई हैं नए नियम के तहत दाखिले के लिए अमेरिका में सबसे प्रचलित टेस्ट एसएटी और एसीटी में बैठने वालों को अपनी तस्वीर के साथ रजिस्टर कराना जरूरी कर दिया गया है टेस्ट लेने वाले अधिकारियों को इन तस्वीरों के साथ छात्रों के पहचान पत्र का मेल कराने के लिए कहा जाएगा यह बदलाव पिछले साल न्यूयॉर्क के लांग आईलैंड में हुए फर्जीवाड़े के बाद शुरू किया गया अभियोजकों के मुताबिक तब दर्जनों छात्रों ने अपनी जगह किसी और को बिठा दिया उसके बदले में 3600 डॉलर तक वसूले गए अब एसएटी और एसीटी के लिए छात्रों की तस्वीरें और टेस्ट के नतीजे उनके हाई स्कूल में भेजे जाएंगे जिससे एक बार फिर उनकी पहचान की पुष्टि हो जाए
नेशनल एसोसिएशन फॉर कॉलेज एडमिशन काउंसिल में सार्वजनिक नीति के निदेशक डेविड हॉकिन ने नए नियमों को किराए पर टेस्ट देने वालों को रोकने की दिशा में अहम करार दिया है हालांकि कॉलेजों में दाखिले की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी अभी  संतुष्ट नहीं हैं उन्हें आशंका है कि उनके यहां विदेशों से नकली एडमिशन फॉर्म भेजे जा रहे हैं एक्ट परीक्षा में गणित विज्ञान अंग्रेजी पढ़ने और व्याकरण की परीक्षा ली जाती है साथ ही लिखने का वैकल्पिक सेक्शन भी होता है वहीं सैट ;एसएटी में पाठन लेखन और गणित का टेस्ट होता है अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय शिक्षा संस्थान के मुताबिक वहां पढ़ने जाने वाले छात्रों की संख्या 2010.11 में बढ़ कर सवा सात लाख तक पहुंच गई है चीन और भारत से जाने वाले छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा है हालांकि अब सऊदी अरब वियतनाम और ईरान के छात्र भी तेजी से बढ़ रहे हैं आवेदन देखने वाले अधिकारियों का दावा है कि उन्हें लगातार ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि नकली आवेदनों की संख्या बढ़ रही है इनमें ऐसी चिट्ठियां जिन्हें पढ़ कर लगता ही नहीं कि वह किसी छात्र ने लिखी होगी
चीन में चीटिंग
अमेरिकी कॉलेजों को विदेशी मार्केटों के बारे में सलाह देने वाली जिंस चाइना कंपनी ने 2010 की रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए कहा है कि चीन में गलत काम पहले से हो रहा है आधे से ज्यादा एप्लीकेशन्स नकली हैं इनकी निष्पक्ष जांच के लिए अधिकारी टॉफेल का स्कोर देखते हैं इसके बाद सैट और एक्ट का स्कोर देखते है यह परीक्षाएं अफगानिस्तान से भूटान तक और किरगिस्तान से यमन तक कई देशों में होती हैं लेकिन अक्सर स्कोर छात्र के व्यक्तित्व से मेल नहीं खाते पेपर पर छात्र बहुत योग्य दिखता है लेकिन जब वह कैंपस आता है तो समझ में आता है कि वह इंग्लिश बोल भी नहीं सकता ण्टॉफेल आयोजित करने वाली एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस छात्रों से कोई फोटो आईडी नहीं मांगती और आगे भी उसका ऐसा करने का इरादा नहीं है हालांकि हर उस छात्र का फोटो लिया जाता है जो परीक्षा में बैठता है अगर कोई छात्र एक से ज्यादा बार परीक्षा में बैठता है और उसके प्रदर्शन में बड़ा सुधार होता है तो हर टेस्ट की तस्वीर निकाल कर एक दूसरे से मिलाई जाती है जिससे कि फर्जीवाड़ा रोका जा सके हालांकि फिलहाल ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे कि पैसे लेकर किसी और की जगह परीक्षा देने वाले छात्र को पहली बार में ही पकड़ा जा सक
मुश्किल है मामला
ओरेगॉन यूनिवर्सिटी में दाखिला निदेशक ब्रायन हेनली कहते हैं ष्यह ऐसा मामला है जिसस हममें से ज्यादातर लोग जूझ रहे हैं लेकिन मुझे अब तक कोई बेहतरीन तरीका नजर नहीं आया है हेनली का कहना है कि उन्होंने इस साल टॉफेल टेस्ट में छात्रों के नंबरों में बड़ा सुधार देखा है उनका कहना है ष्शायद यह चीन में भाषा की अच्छी ट्रेनिंग की वजह से हुई हो या फिर गलत तरीके से  यह पता नहीं है कि अमेरिकी छात्रों में कितने ऐसे हैं जो दूसरे छात्रों से अपनी परीक्षा दिलाते हैं पिछले साल एसएटी के लिए रजिस्टर होने वाले 20 लाख छात्रों में से केवल 170 को पहचान की दिक्कतों की वजह से परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया इसके अलावा 3500 दूसरे टेस्ट के नतीजे भी रद्द किए गए क्योंकि कई छात्रों ने मोबाइल फोन इस्तेमाल कर लिया जिस पर पाबंदी है