इतना नुकसान है तो क्रोध क्यों करना
क्रोध में लोग अपना कितना नुकसान कर लेते है बावजूद इसके यह आदत नहीं जाती आपने गौर किया होगा कि जब आप ज्यादा बीमार होते हैं और डॉक्टर आपको परहेज के बारे में कहते हैं तो आपकी कोशिश यही होती है कि आप डॉक्टर की बातों को ज्यादा से ज्यादा फ़ॉलो करें ताकि आप जल्दी स्वस्थ हो सकें जल्दी स्वस्थ होने की इच्छा ही आपको प्रेरित करती है कि आप परहेज का खास ध्यान रखें लेकिन जब बात आपके कैरियर की आती है तो आप परहेज करना नहीं चाहते जबकि यह तय है कि क्रोध से परहेज कैरियर में सफ़लता के लिए बेहद जरूरी है जब तक क्रोध से परहेज नहीं करेंगे आपको अपने टारगेट तक पहुंचने में काफ़ी दिक्कतें आयेंगी बचपन से ही हम सब क्रोध से होनेवाले नुकसान के बारे में सुनते आये हैं लेकिन क्रोध की आदत छोड़ते नहीं सोचिए कि क्रोध के कारण कितना नुकसान उठाना पड़ा है आज तक ण्ण्फ़िर उसे जारी क्यों रखना
शूरसेन को क्रोध बहुत आता था और वह गुस्से में कई बार अनुचित फ़ैसले भी ले लेते थे जिससे भारी परेशानी होती थी हालांकि क्रोध उतरने पर वह माफ़ी भी मांग लेते थे एक दिन राजा अपने मंत्री से बातचीत कर रहे थे उसी समय मंत्री के मुंह से कुछ गलत बात निकल गयी जिसे सुन कर राजा का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया उन्होंने आव देखा न ताव तुरंत मंत्री को फ़ांसी की सजा सुना दी मंत्री को फ़ांसी के लिए ले जाया जाने लगा उससे आखिरी इच्छा पूछी गयी मंत्री राजा के क्रोध को समझता था वह बोला महाराज मैंने हाल ही में एक कला सीखी है मैं पशुओं की बोली समझ सकता हूं और उनसे बात भी कर सकता हूं मेरी बड़ी इच्छा है कि मैं वह कला आप को सिखाऊं राजा ने पूछा उस कला को सीखने में कितना समय लगेगा मंत्री बोला कम से कम तीन महीने मंत्री की आखिरी इच्छा का सम्मान कर राजा ने फ़ांसी को तीन माह के लिए टलवा दिया इतने दिनों में राजा का गुस्सा शांत हो गया वह समझ गये कि पशुओं की भाषावाली बात मंत्री ने जानबूझ कर गढ़ी है ताकि फ़ांसी को टाला जा सके उन्हें इस बात का भी अहसास हो गया कि बिना मतलब ही उन्होंने मंत्री को फ़ांसी की सजा सुना दी थी वह मंत्री से बोले मंत्री जी हमें माफ़ कर दीजिए उस दिन हम गुस्से में बहुत गलत फ़ैसला ले बैठे थे अगर उस दिन आप चतुराई से पशुओं से बात करनेवाली कला के बारे में नहीं कहते तो शायद हम आज पछता रहे होते मंत्री बोला मैंने तो अपनी चतुराई से जान बचा ली लेकिन उनका क्या जो आपके क्रोध का आये दिन शिकार होते हैं आप क्रोध पर नियंत्रण रखने का प्रयास करें इससे आप प्रजा के बीच अलोकप्रिय होते जा रहे हैं राजा ने उस दिन से गुस्से पर काबू करना शुरू कर दिया
बात पते की
कैरियर में सफ़लता के लिए क्रोध से परहेज बेहद जरूरी है
गुस्सा करने की आदत के कारण कई अवसर हाथ से निकल जाते हैं
सोचिए कि अब तक गुस्सा कर आपने क्या हासिल कर लिया है और क्या खोया है खुद ही फ़ैसला करें कि आपको क्या करना चाहिए
क्रोध में लोग अपना कितना नुकसान कर लेते है बावजूद इसके यह आदत नहीं जाती आपने गौर किया होगा कि जब आप ज्यादा बीमार होते हैं और डॉक्टर आपको परहेज के बारे में कहते हैं तो आपकी कोशिश यही होती है कि आप डॉक्टर की बातों को ज्यादा से ज्यादा फ़ॉलो करें ताकि आप जल्दी स्वस्थ हो सकें जल्दी स्वस्थ होने की इच्छा ही आपको प्रेरित करती है कि आप परहेज का खास ध्यान रखें लेकिन जब बात आपके कैरियर की आती है तो आप परहेज करना नहीं चाहते जबकि यह तय है कि क्रोध से परहेज कैरियर में सफ़लता के लिए बेहद जरूरी है जब तक क्रोध से परहेज नहीं करेंगे आपको अपने टारगेट तक पहुंचने में काफ़ी दिक्कतें आयेंगी बचपन से ही हम सब क्रोध से होनेवाले नुकसान के बारे में सुनते आये हैं लेकिन क्रोध की आदत छोड़ते नहीं सोचिए कि क्रोध के कारण कितना नुकसान उठाना पड़ा है आज तक ण्ण्फ़िर उसे जारी क्यों रखना
शूरसेन को क्रोध बहुत आता था और वह गुस्से में कई बार अनुचित फ़ैसले भी ले लेते थे जिससे भारी परेशानी होती थी हालांकि क्रोध उतरने पर वह माफ़ी भी मांग लेते थे एक दिन राजा अपने मंत्री से बातचीत कर रहे थे उसी समय मंत्री के मुंह से कुछ गलत बात निकल गयी जिसे सुन कर राजा का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया उन्होंने आव देखा न ताव तुरंत मंत्री को फ़ांसी की सजा सुना दी मंत्री को फ़ांसी के लिए ले जाया जाने लगा उससे आखिरी इच्छा पूछी गयी मंत्री राजा के क्रोध को समझता था वह बोला महाराज मैंने हाल ही में एक कला सीखी है मैं पशुओं की बोली समझ सकता हूं और उनसे बात भी कर सकता हूं मेरी बड़ी इच्छा है कि मैं वह कला आप को सिखाऊं राजा ने पूछा उस कला को सीखने में कितना समय लगेगा मंत्री बोला कम से कम तीन महीने मंत्री की आखिरी इच्छा का सम्मान कर राजा ने फ़ांसी को तीन माह के लिए टलवा दिया इतने दिनों में राजा का गुस्सा शांत हो गया वह समझ गये कि पशुओं की भाषावाली बात मंत्री ने जानबूझ कर गढ़ी है ताकि फ़ांसी को टाला जा सके उन्हें इस बात का भी अहसास हो गया कि बिना मतलब ही उन्होंने मंत्री को फ़ांसी की सजा सुना दी थी वह मंत्री से बोले मंत्री जी हमें माफ़ कर दीजिए उस दिन हम गुस्से में बहुत गलत फ़ैसला ले बैठे थे अगर उस दिन आप चतुराई से पशुओं से बात करनेवाली कला के बारे में नहीं कहते तो शायद हम आज पछता रहे होते मंत्री बोला मैंने तो अपनी चतुराई से जान बचा ली लेकिन उनका क्या जो आपके क्रोध का आये दिन शिकार होते हैं आप क्रोध पर नियंत्रण रखने का प्रयास करें इससे आप प्रजा के बीच अलोकप्रिय होते जा रहे हैं राजा ने उस दिन से गुस्से पर काबू करना शुरू कर दिया
बात पते की
कैरियर में सफ़लता के लिए क्रोध से परहेज बेहद जरूरी है
गुस्सा करने की आदत के कारण कई अवसर हाथ से निकल जाते हैं
सोचिए कि अब तक गुस्सा कर आपने क्या हासिल कर लिया है और क्या खोया है खुद ही फ़ैसला करें कि आपको क्या करना चाहिए
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